डीपफेक का समाधान है: “डिजिटल इंडिया बिल”

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Image Credit: Times Now Navbharat

डिजिटल युग में तेजी से बढ़ रही तकनीकी उन्नति ने जहां एक ओर हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाया है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़े खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। इन्हीं खतरों में से एक प्रमुख मुद्दा है डीपफेक तकनीक, जिसे रोकने के लिए भारत सरकार ने 26 जून से शुरू हो रहे 18वी लोकसभा के पहले सत्र में “डिजिटल इंडिया बिल” पेश करने का अहम फैसला लिया है और सत्र के दौरान इसे लागू करने पर विचार कर सकती है।

डीपफेक क्या है?

डीपफेक (Deepfake) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का उपयोग करके किसी व्यक्ति के वीडियो या ऑडियो को इस तरह से बदल दिया जाता है कि वह असली जैसा दिखे। इसका इस्तेमाल फर्जी वीडियो बनाने, झूठी खबरें फैलाने, और गलत जानकारी प्रसारित करने के लिए किया जा सकता है। डीपफेक के माध्यम से किसी व्यक्ति की छवि को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है, जिससे उसकी सामाजिक और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है।

प्रमुख प्रभावित मामले-

डीपफेक तकनीक ने कई मामलों में हड़कंप मचाया है:  

जनवरी 2024 में, प्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर खुलासा किया कि उनकी तस्वीर के साथ एक मोबाइल एप्लिकेशन को बढ़ावा देने वाला एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। उन्होंने प्रौद्योगिकी के व्यापक दुरुपयोग पर अपनी निराशा व्यक्त की। “ये वीडियो फर्जी हैं। प्रौद्योगिकी के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग को देखना परेशान करने वाला है। सभी से अनुरोध है कि वे बड़ी संख्या में इस तरह के वीडियो, विज्ञापन और ऐप की रिपोर्ट करें। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को शिकायतों के प्रति सतर्क और उत्तरदायी होने की आवश्यकता है। सचिन तेंदुलकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “गलत सूचना और डीपफेक के प्रसार को रोकने के लिए उनकी ओर से त्वरित कार्रवाई महत्वपूर्ण है।”

इसी तरह, अभिनेत्री और डांसर नोरा फतेही डीपफेक वीडियो की नवीनतम लहर का शिकार हो गई थी। अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर नोरा ने खुलासा किया कि तकनीकी परिधान और एथलेटिक जूते की वेबसाइट लुलुमेलन ने ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए उनका डीपफेक वीडियो इस्तेमाल किया था। अपनी हैरानी व्यक्त करते हुए उन्होंने लिखा, “हैरान!!! यह मैं नहीं हूँ!”

डिजिटल इंडिया बिल क्या है?

रिपोर्ट्स के अनुसार, डिजिटल इंडिया बिल का उद्देश्य देश में डिजिटल स्पेस को सुरक्षित और संरक्षित बनाना है। इस बिल के माध्यम से सरकार डिजिटल सुरक्षा के नियमों को सख्त बनाने, फर्जी कंटेंट को रोकने, और साइबर अपराधों पर कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है। यह बिल डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया प्लेटफार्म, और अन्य ऑनलाइन सेवाओं के संचालन को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा।

डिजिटल इंडिया बिल का मुख्य उद्देश्य है:-

1. साइबर सुरक्षा को बढ़ाना: 

इस बिल के तहत, ऑनलाइन प्लेटफार्मों को अपने सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के निर्देश दिए जाएंगे ताकि साइबर हमलों से बचाव हो सके।

2. फर्जी खबरों पर नियंत्रण: 

फर्जी खबरें और डीपफेक जैसी समस्याओं से निपटने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं।

3. डेटा सुरक्षा:

यूजर्स के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए कठोर नियम बनाए गए हैं ताकि उनकी निजी जानकारी गलत हाथों में न जाए।

4.ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकथाम: 

डिजिटल ट्रांजेक्शनों में धोखाधड़ी को रोकने के लिए भी विशेष उपाय किए गए हैं।

अत: डिजिटल इंडिया बिल डीपफेक और अन्य डिजिटल खतरों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि नागरिक भी जागरूक रहें और डिजिटल सुरक्षा के महत्व को समझें ताकि हम सब मिलकर एक सुरक्षित और समृद्ध डिजिटल इंडिया का निर्माण कर सकें।

Team Profile

Poonam Gupta
Poonam GuptaNews Writer
Poonam Gupta, hailing from Kanpur, Uttar Pradesh, is currently pursuing her graduation in Journalism and Mass Communication from Rama University. With a deep passion for creative writing and article writing, Poonam is dedicated to crafting engaging and impactful content. Her academic background, combined with her enthusiasm for storytelling, positions her as a promising talent in the field of journalism and media. Poonam's commitment to excellence and creativity shines through in every piece she writes.

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