कांग्रेस में आंतरिक कलह: शशि थरूर के बयान और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विवाद

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नई दिल्ली— कांग्रेस पार्टी इन दिनों आंतरिक मतभेदों और रणनीतिक उलझनों का सामना कर रही है, जिसका केंद्र बिंदु सांसद शशि थरूर के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दिए गए बयान बन गए हैं। थरूर ने हाल ही में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए विदेशों में भारत की आतंकवाद के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति को प्रस्तुत किया। हालांकि, उनके कुछ बयानों को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
थरूर ने एक बयान में कहा था कि 2016 से पहले भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पार नहीं की थी, जिसे लेकर पार्टी के कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई। थरूर ने स्पष्ट किया कि उनका आशय केवल आतंकवादी हमलों के प्रतिशोध से था, न कि युद्धों से। इसके बावजूद, कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने इस बयान को पार्टी की आधिकारिक राय से अलग बताया।
इस विवाद के बीच, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने थरूर का समर्थन करते हुए कांग्रेस पर ‘राजनीतिक हताशा’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारतीय सांसदों को विदेशों में अपने देश और प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए।
कांग्रेस के भीतर इस मुद्दे पर मतभेद स्पष्ट हैं। कुछ नेताओं का मानना है कि थरूर जैसे वरिष्ठ नेता को दरकिनार करना पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है, खासकर आगामी केरल चुनावों को देखते हुए। वहीं, अन्य नेताओं का कहना है कि पार्टी को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और आंतरिक मतभेदों को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, कर्नाटक में डक्शिना कन्नड़ जिले में हुई सांप्रदायिक घटनाओं के कारण कांग्रेस के कई मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्य के गृह मंत्रालय पर इन घटनाओं को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है। राज्य सरकार ने इन घटनाओं को रोकने के लिए एक विशेष कार्रवाई बल का गठन किया है।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि कांग्रेस को आंतरिक एकता और स्पष्ट रणनीति की आवश्यकता है, ताकि वह आगामी चुनावों में प्रभावी भूमिका निभा सके।
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- News Writer
- रोहित यादव दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ़ जर्नलिज़्म से पत्रकारिता में स्नातक हैं और वर्तमान में वहीं से स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। न्यूज़ इंडिया ऑफिशियल पर प्रकाशित सभी लेख उनके इंटर्नशिप का हिस्सा हैं, जो वह न्यूज़ इंडिया ऑफिशियल के साथ कर रहे हैं।