इज़राइल-ईरान युद्ध में अमेरिका की एंट्री, ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका का बड़ा हमला

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इज़राइल-ईरान युद्ध में अमेरिका की एंट्री हो गई है। अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियर साइट पर एयर स्ट्राइक की है। अमेरिका ने B2 बॉम्बर्स से तीन न्यूक्लियर प्लांट्स पर बम दागे। हमले के बाद अमेरिका ने ईस्ट में स्थित अपने तमाम एयरबेस पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। अमेरिका के हमले के बाद ईरान-इज़राइल युद्ध ने अब बड़ा रूप ले लिया है। तीनों देशों का अगला हर आक्रामक कदम दुनिया को विश्व युद्ध की ओर ले जाएगा।
अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने हमले की जानकारी देते हुए कहा “कि अमेरिका ने ईरान की तीन बड़ी परमाणु साइट्स – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर सफलतापूर्वक हवाई हमला किया है। ट्रंप के मुताबिक, लड़ाकू विमानों ने फोर्डो को प्रमुख रूप से निशाना बनाते हुए बमबारी की और अब सभी विमान सुरक्षित लौट चुके हैं। उन्होंने इसे अमेरिका की सैन्य ताकत की मिसाल बताया और कहा कि अब शांति का समय है। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ जब ईरान का परमाणु कार्यक्रम इज़राइल के सामने चिंता का विषय बना हुआ है।” [Source: Aaj Tak]
इसी हमले के साथ अमेरिका भी मिडल ईस्ट की जंग में शामिल हो गया है। हमले के बाद ईरान ने अपना बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने दावा किया “कि उसकी न्यूक्लियर साइट्स को कोई नुकसान नहीं हुआ है और नागरिकों को रेडिएशन का कोई खतरा नहीं है।” अमेरिका के हमले के बाद ईरान अब अमेरिका के खिलाफ युद्ध फ्रंट खोलने की तैयारी में है। अमेरिका के हमले के जवाब में ईरान ने इज़राइल में तेल अवीव के बेन गुरियन एयरपोर्ट समेत कई अन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
मिडल ईस्ट में तनाव और अमेरिका के हमले पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने ईरान से अपील की है कि वह बातचीत के मार्ग पर लौटे और इस संकट का समाधान कूटनीति के जरिए निकाले। उन्होंने कहा कि मिडल ईस्ट में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना सबसे प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए। स्टार्मर ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि इसी खतरे को कम करने के लिए अमेरिका ने कार्रवाई की है।
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिका की ओर से ईरान पर की गई सैन्य कार्रवाई पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इसे खतरनाक बढ़त और अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए सीधा खतरा करार दिया। गुटेरेस ने सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील करते हुए कहा कि इस संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है, आगे का रास्ता केवल और केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकलेगा।
दुनिया में विश्व युद्ध की दस्तक
इज़राइल-ईरान युद्ध में अमेरिका की एंट्री से यह तो स्पष्ट है कि फिलहाल युद्ध टलता दिखाई नहीं दे रहा। युद्ध की आग धीरे-धीरे दुनिया को अपनी चपेट में ले रही है। एक तरफ रूस-यूक्रेन का युद्ध 3 साल से लगातार चलता आ रहा है। भारत-पाकिस्तान के बीच फिलहाल युद्धविराम है पर यह विराम कब तक चलेगा यह स्पष्ट नहीं। तीसरी ओर इज़राइल-ईरान युद्ध, जहां अमेरिका के शामिल होने के बाद उस युद्ध का दायरा बढ़ गया है।
अगर तो ईरान सरेंडर नहीं करता और इस युद्ध को आगे बढ़ाता है तो यह युद्ध नाटो बनाम ईरान हो जाएगा। और जिस तरह ईरान पीछे हटने का नाम नहीं ले रहा, इससे यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि मिडल ईस्ट का युद्ध और भी भीषण रूप लेने वाला है।
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- Himanshu Sangliya, holding a degree in Journalism at the graduation level and a postgraduate degree in Economics, is characterized by a strong work ethic and a persistent eagerness to acquire new skills. Journalism holds a special place in his heart, and he envisions his future flourishing within this dynamic field.
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