G-7 समिट में प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप को दो टूक, प्रधानमंत्री ने कहा ‘ना मध्यस्थता स्वीकार थी, ना स्वीकारेंगे’

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G-7 समिट में प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप को दो टूक, प्रधानमंत्री ने कहा ‘ना मध्यस्थता स्वीकार थी, ना स्वीकारेंगे’

Image Source: Divya Himachal

कनाडा में चल रहे G-7 समिट में भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने भी शिरकत की है। समिट के दौरान प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन कॉल पर बातचीत हुई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई बात की पूरी जानकारी दी। विदेश सचिव ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच 35 मिनट बात चली, जिसमें भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर पर वार्ता हुई। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच ‘ना मध्यस्थता स्वीकारी थी, ना स्वीकारेंगे।’

ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच किसी भी तरह की आधिकारिक वार्ता नहीं हुई थी। G-7 समिट के दौरान दोनों नेताओं के बीच आधिकारिक फोन कॉल पर बातचीत हुई, जिसकी जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी। दरअसल, G-7 समिट में दोनों नेताओं के बीच आधिकारिक मुलाकात होनी थी, पर इजरायल-ईरान युद्ध के चलते राष्ट्रपति ट्रंप को G-7 समिट बीच में ही छोड़कर लौटना पड़ा। इसी वजह से दोनों नेताओं के बीच फोन कॉल पर वार्ता हुई।

पीएम और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुए फोन कॉल की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “कॉल में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट कहा कि इंडिया-पाकिस्तान के बीच भारत ने तो कभी किसी की मध्यस्थता स्वीकार की है, न ही आगे स्वीकार करेगा। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीजफायर तब हुआ जब उनके पास उपराष्ट्रपति जेडी वॉन्स का कॉल आया और पाकिस्तान ने इसके लिए आग्रह किया।” विदेश सचिव ने आगे कहा, “पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीजफायर तक पहुंचने के लिए कभी भी, किसी भी स्तर पर, भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरिका द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। बातचीत में पीएम मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट कर दिया कि भारत-पाकिस्तान के बीच इंडिया ने न तो कभी किसी की मध्यस्थता स्वीकार की थी, न स्वीकार करता है, और न ही कभी करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस मुद्दे पर राजनीतिक रूप से पूरी तरह से एकमत है।”

बातचीत में राष्ट्रपति ट्रंप ने नरेंद्र मोदी को समिट के बाद अमेरिका आने का निमंत्रण दिया। विदेश सचिव ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से वापसी में अमेरिका रुक कर जा सकते हैं। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी असमर्थता व्यक्त की। दोनों नेताओं ने तब तय किया कि वे निकट भविष्य में मिलने का प्रयास करेंगे।

दोनों नेताओं के बीच इजरायल-ईरान युद्ध पर भी चर्चा हुई। विदेश सचिव ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर भी चर्चा की। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर दोनों ने सहमति जताई कि जल्द से जल्द शांति के लिए, दोनों पक्षों में सीधी बातचीत आवश्यक है और इसके लिए प्रयास करते रहना चाहिए। साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के संबंध में दोनों नेताओं ने अपने परिप्रेक्ष्य साझा किए और इस क्षेत्र में QUAD की अहम भूमिका के प्रति समर्थन जताया।

अंत में QUAD की अगली बैठक के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वे भारत आने के लिए उत्सुक हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी कनाडा से G-7 में शिरकत करने के बाद क्रोएशिया के लिए रवाना हो गए हैं।

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Himanshu Sangliya
Himanshu SangliyaFreelance Journalist
Himanshu Sangliya, holding a degree in Journalism at the graduation level and a postgraduate degree in Economics, is characterized by a strong work ethic and a persistent eagerness to acquire new skills. Journalism holds a special place in his heart, and he envisions his future flourishing within this dynamic field.

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