दिल्ली का तख्त: किसकी जीत, किसकी हार?

0
दिल्ली का तख्त: किसकी जीत, किसकी हार?

WWW.NEWSINDIAOFFICIAL.COM

आज का दिन यानी 8 फरवरी 2025, बहुत खास है, जो भारत की राजधानी दिल्ली के तख्त पर कौन सी सरकार विराजमान होगी, इसकी घोषणा करेगा। बस चंद घंटे और यह पता चल जाएगा कि कौन सी पार्टी का दांव सही लगा है और कौन सी पार्टी ने मौका पाया है 5 सालों के लिए दिल्ली पर राज करने का।

जी हाँ, यहां विधानसभा चुनाव के कार्यकाल का जिक्र करना ज़रूरी है, क्योंकि ये नेता भूल जाते हैं कि 5 साल बाद दोबारा चुनाव होने हैं, और यदि ये अपने वादे पूरे नहीं करेंगे तो दिल्ली की जनता ने जो तख्त इन्हें सौंपा है, वह इनसे छीना भी जा सकता है।

इस बार दिल्ली में वोट को लेकर अलग-अलग मत दिखाई पड़े। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जनता कुछ रुष्ट सी नजर आई। कुछ ने यमुना की सफाई न होने का इल्जाम लगाया, तो कुछ ने अपर्याप्त और गंदा पानी मिलने का।

वहीं, आप सरकार ने अपने बचाव में बीजेपी पर दोष लगाया। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यूट्यूब चैनल “थिंक स्कूल” के एक पॉडकास्ट में अपने 3 बड़े वादों को पूरा न करना स्वीकार किया, लेकिन बीजेपी को भी इसका भागीदार बताया यह कहकर कि – “बीजेपी ने हमारे साथ षड्यंत्र किया और जब मैं जेल में था, तो इन्होंने दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिकों में दवाइयाँ बंद करा दी थीं। बीजेपी ने हमारे सारे बड़े नेताओं को जेल भेजकर हमारी सरकार को तोड़ना चाहा।”

वहीं, अगर बीजेपी की बात करें तो इस चुनाव में लोगों का रुझान बीजेपी की तरफ़ झुकता दिखा, शायद इसलिए कि लोग आप सरकार से परेशान हो चुके हैं और बदलाव चाहते हैं, या शायद इसलिए कि बीजेपी के अलावा लोगों के पास कोई और विकल्प नहीं है। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि इस चुनाव में कांग्रेस की छवि सिमटती हुई नजर आई।

आम आदमी पार्टी के लिए यह कहा जा सकता था कि आप सरकार धर्म की राजनीति से थोड़ा सा दूर है, लेकिन इस बार आप सरकार इसी राजनीति में कदम रखती महसूस हुई।

सभी पार्टियों को गंदी राजनीति की एक ही तराजू में तोलना गलत नहीं होगा। यह भी कहना गलत नहीं होगा कि भारत में कई लोगों के लिए कोई पार्टी ऐसी नहीं है जिसे कहा जा सके कि हाँ, यह पार्टी मेरे भारत का नेतृत्व करने के लिए उत्तम है। कइयों के वोट “नोटा” को जाएंगे, सिर्फ इसी कारण से।

तीनों पार्टियों ने मुफ्त की रेवड़ी का सहारा लिया है, लेकिन अब देखना यह है कि जनता को किसकी रेवड़ी ज्यादा पसंद आती है। अब देखते हैं कि किस सरकार को दिल्ली की गद्दी पर बैठने का सुनहरा मौका मिलता है और कितने सुनहरे तरीके से वह सरकार दिल्ली को चमकाने का काम करती है।

Team Profile

a5648cc13368176a8abe044b8072000fb60ff1cc4ee6a87d928f2d99dccbac06?s=100&d=mm&r=g
अंशिका गौड़News Writer & Columnist
अंशिका गौड़, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से मास मीडिया में एम.ए. की छात्रा है। उन्होंने I.F.T.M विश्वविद्यालय, मोरादाबाद, उत्तर प्रदेश से स्नातक में पत्रकारिता, कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

Leave a Reply