शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह: सियाचिन के वीर योद्धा को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित

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Image Credits: India News

सियाचिन में अपने साथियों की जान बचाने के लिए खुद अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह के बलिदान के बाद भारतीय सेना ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी और उनकी माता को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। कीर्ति चक्र प्राप्त करने के बाद कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी ने उनकी शहादत के बारे में बताया। एक वीडियो में उन्होंने अपने पति की वीरता के बारे में बताया। बता दे की कैप्टन अंशुमन सिंह यूपी के देवरिया जिले के रहनेवाले थे। वर्तमान में उनका परिवार लखनऊ में रहता है।

 कैप्‍टन अंशुमान सिंह जुलाई 2023 में शहीद हो गए। उनकी तैनाती सियाचिन ग्‍लेशियर में 26 पंजाब बटालियन के 403 फील्‍ड में अस्‍पताल में रेजिमेंटल मेडिकल आफिसर पद पर हुई थी। सियाचिन ग्‍लेशियर में 19 जुलाई 2023 को सेना के गोला बारूद बनकर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई थी। इस आग ने कई टेंटों को भी चपेट में ले लिया था। आग लगने की वजह से उनके कई साथी बंकर में फंस गए। अपने साथियों को बचाने के लिए अंशुमान भी बंकर में कूद पड़े। अपनी जान की परवाह किए बिना अंशुमन ने तीन जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि इस हादसे में अंशुमन बुरी तरह से झुलस गए। उनको एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए चंडीगढ़ लाया गया, जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका और वह शहीद हो गए।

समय–समय पर हमारे सैनिक भारतीय सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना अपने देश के लिए अपनी जान की आहुति दे देते है। उसी तरह कैप्टन अंशुमन सिंह ने भी अपने साथियों की जान बचाने के लिए अपनी जान की आहुति दे दी। भारत उनके इस बलिदान को सदैव याद रखेगा। 

Team Profile

Himanshu Sangliya
Himanshu SangliyaFreelance Journalist
Himanshu Sangliya, holding a degree in Journalism at the graduation level and a postgraduate degree in Economics, is characterized by a strong work ethic and a persistent eagerness to acquire new skills. Journalism holds a special place in his heart, and he envisions his future flourishing within this dynamic field.

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