विश्व क्षुद्रग्रह दिवस: एक विशेष अवसर !
30 जून को विश्व भर में विश्व क्षुद्रग्रह दिवस यानी (World Asteroid Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमारे सौर मंडल में मौजूद क्षुद्रग्रहों-Asteroids के बारे में जागरूकता फैलाने और उनके संभावित खतरों से बचने के लिए समर्पित है। इस दिन का उद्देश्य विज्ञान और अंतरिक्ष की रिसर्च में आम लोगों के बीच रुचि को बढ़ाना है।
इतिहास-
विश्व क्षुद्रग्रह दिवस की स्थापना 6 दिसंबर 2016 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। इस दिन का चयन इसलिए किया गया क्योंकि 1908 में इसी दिन तुंगुस्का घटना घटित हुई थी, जब साइबेरिया के तुंगुस्का क्षेत्र में एक विशाल क्षुद्रग्रह या धूमकेतु का विस्फोट हुआ था। इस घटना ने 2,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को नष्ट कर दिया था। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि क्षुद्रग्रहों- Asteroids से धरती पर कितनी बड़ी आपदा आ सकती है।
इस दिन की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाने वालों में वैज्ञानिक और कलाकार शामिल थे। ब्रिटिश संगीतकार और एस्ट्रोफिजिसिस्ट ब्रायन मे, अपोलो 9 के अंतरिक्ष यात्री रस्टी श्विकर्ट, फिल्म निर्माता ग्रिग रिचर्स, और बी612 फाउंडेशन के सह-संस्थापक डैनिका रेमी ने मिलकर इस दिन को शुरू करने का प्रस्ताव रखा। इन लोगों ने मिलकर 2014 में पहली बार विश्व क्षुद्रग्रह दिवस का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य था क्षुद्रग्रहों के बारे में जागरूकता फैलाना और संभावित खतरों से बचने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना। जिसके चलते,संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 30 जून को विश्व क्षुद्रग्रह दिवस के रूप में मान्यता दी, ताकि इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा सके और वैश्विक समुदाय को क्षुद्रग्रहों- Asteroids के खतरों और उनसे निपटने के उपायों के प्रति जागरूक किया जा सके।
इस प्रकार, विश्व क्षुद्रग्रह दिवस की स्थापना ने वैश्विक स्तर पर खगोल विज्ञान – Astronomy और अंतरिक्ष विज्ञान- Space Science के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
क्षुद्रग्रह तथ्य (Asteroid Facts)-
1. क्षुद्रग्रह छोटे, चट्टानी खगोलीय पिंड (Rocky celestial bodies) होते हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
2. अधिकतर क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच क्षुद्रग्रह पट्टी (asteroid belt) में पाए जाते हैं।
3. नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां नियमित रूप से संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रहों पर निगरानी रखती हैं।
4. 65 मिलियन वर्ष पहले, एक बड़े क्षुद्रग्रह के धरती से टकराने के कारण डायनासोर विलुप्त हो गए थे।
महत्व-
विश्व क्षुद्रग्रह दिवस का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह हमें संभावित खगोलीय- (Astronomical) खतरों के प्रति सचेत करता है। इसके माध्यम से हम यह समझ सकते हैं कि कैसे क्षुद्रग्रहों का अध्ययन कर हम भविष्य में किसी भी संभावित टक्कर से बचाव कर सकते हैं। इसके अलावा, क्षुद्रग्रहों का अध्ययन हमारे सौर मंडल की उत्पत्ति और विकास को समझने में मदद करता है। इस दिन को मनाने का एक और उद्देश्य है कि युवाओं को विज्ञान और खगोल विज्ञान- Astronomy में रुचि दिलाना और उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना।
अंत: विश्व क्षुद्रग्रह दिवस हमें हमारे सौर मंडल की जटिलताओं और खतरों को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। आइए, इस दिन को मनाते हुए हम सब मिलकर खगोल विज्ञान यानी एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में अपनी जानकारी और रुचि को बढ़ाएं।
Team Profile
- Poonam Gupta, hailing from Kanpur, Uttar Pradesh, is currently pursuing her graduation in Journalism and Mass Communication from Rama University. With a deep passion for creative writing and article writing, Poonam is dedicated to crafting engaging and impactful content. Her academic background, combined with her enthusiasm for storytelling, positions her as a promising talent in the field of journalism and media. Poonam's commitment to excellence and creativity shines through in every piece she writes.
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