22 February 2025

लोकसभा और राज्यसभा में पेश की गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की वक्फ संशोधन रिपोर्ट, दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा और वॉकआउट

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लोकसभा और राज्यसभा में पेश की गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की वक्फ संशोधन रिपोर्ट, दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा और वॉकआउट

Image Source: Jagran

13 फरवरी 2025: लोकसभा और राज्यसभा में जेपीसी की वक्फ संशोधन रिपोर्ट सदन के पटल पर पेश की गई। जेपीसी की रिपोर्ट सर्वप्रथम राज्यसभा में पेश की गई। बीजेपी राज्यसभा सांसद मेधा विश्राम कुलकर्णी ने राज्यसभा में रिपोर्ट पेश की। मेधा कुलकर्णी वक्फ जेपीसी की सदस्य हैं। वहीं, लोकसभा में जेपीसी की अगुवाई कर रहे जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट पेश की। लोकसभा में रिपोर्ट पटल पर रखते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, जिस कारण लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा में भी विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्ष का मानना है कि वक्फ संशोधन बिल अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला है।

मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में भेजा था। जेपीसी में विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों को शामिल किया गया था। जेपीसी का कार्य था कि वक्फ संशोधन से जुड़े हर पहलू पर चर्चा की जाए और एक रिपोर्ट बनाई जाए, जिसमें सबकी सहमति शामिल हो ताकि संशोधन बिल को आसानी से पास किया जा सके।

गुरुवार को दोनों सदनों में जेपीसी की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट के पटल पर आते ही विपक्ष ने उसका कड़ा विरोध किया। विपक्ष ने रिपोर्ट पर हंगामा किया और सरकार से बिल वापस लेने की मांग की। विपक्ष का कहना है कि यह बिल अल्पसंख्यकों के हितों और अधिकारों पर सीधा हमला है।

कई विपक्षी सांसद, जो जेपीसी में सदस्य हैं, उनका आरोप है कि उनके द्वारा दिए गए कई संशोधन और परामर्श रिपोर्ट से हटा दिए गए हैं। विपक्ष का कहना है कि उनके द्वारा दिए गए डिसेंट नोट्स हटाए गए हैं।

डिसेंट नोट्स हटाने पर जेपीसी सदस्य संजय सिंह ने कहा, “हमने अपना पक्ष रखा। हमारे पक्ष से आप सहमत-असहमत हो सकते हैं, लेकिन उसको कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं? आज आप वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा कर रहे हैं, कल आप गुरुद्वारा, चर्च और मंदिर पर करेंगे।” तिरुचि शिवा ने कहा कि “जो सदस्य कमेटी में होते हैं, उनकी असहमति को लेकर डिसेंट नोट के साथ रिपोर्ट का नियम है। इसमें इसका पालन नहीं किया गया।”

राज्यसभा में विपक्ष के आरोप पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “इस बिल में सारी चीजें हैं, कुछ भी डिलीट नहीं किया गया है। विपक्ष सदन को गुमराह न करे। रिपोर्ट नियमों के मुताबिक ही तैयार की गई है। विपक्ष के सारे आरोप झूठे हैं।”

वहीं, लोकसभा में भी रिपोर्ट से डिसेंट नोट्स हटाने का मुद्दा उठा। आरोपों पर गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा, “आपको जो भी जोड़ना है, जोड़िए। हमारी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं है।”

इस पर विपक्ष के कुछ सांसद, जिनमें AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और अन्य सदस्य शामिल थे, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिले और अपने डिसेंट नोट्स को रिपोर्ट में शामिल करने की बात की। ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने स्पीकर से हमारे डिसेंट नोट्स को रिपोर्ट में सम्मिलित करने को कहा है। स्पीकर ने हमें आश्वासन दिया है कि नियम के तहत जो भी डिसेंट नोट्स जोड़े जा सकते हैं, उन्हें जोड़ा जाएगा।”

डिसेंट नोट्स पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा, “इसे लेकर कुछ सदस्य हमसे मिले थे। उनके डिसेंट नोट्स को एनेक्सर में शामिल कर लिया गया है।” इसके बावजूद, दोनों सदनों में विपक्ष के कुछ सांसदों ने सदन की वेल में आकर हंगामा किया।

राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जेपीसी की रिपोर्ट पर कहा, “वक्फ बिल पर हमारे अनेक सदस्यों ने डिसेंट नोट्स दिए हैं। उनको प्रॉसीडिंग से निकालना अलोकतांत्रिक है। जितने लोगों ने डिसेंट नोट्स दिए हैं, क्या उनमें से कोई पढ़ा-लिखा नहीं है? आपको उसे अपनी रिपोर्ट में डालकर बोलना चाहिए। उसको डिलीट करके आप रिपोर्ट दे रहे हैं। ऐसी फर्जी रिपोर्ट को हम नहीं मानते, सदन कभी नहीं मानेगा। आप निर्देश दीजिए और सभी डिसेंट नोट्स को शामिल करके रिपोर्ट पेश कीजिए। जो स्टेकहोल्डर्स नहीं हैं, उनको बाहर से बुलाकर उनके विचार लिए गए। मेंबर्स एगिटेट क्यों होते हैं? वे अपने परिवार के लिए नहीं, पूरे समाज के लिए परेशान होते हैं। जब संविधान के विरुद्ध ऐसी चीजें होती हैं, तो विरोध होना स्वाभाविक है।” संसद की कार्यवाही के बीच विपक्ष ने वॉकआउट किया।

विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता सदन जे.पी. नड्डा ने विपक्ष के वॉकआउट पर कहा, “आज सुबह से आपने पूरी तत्परता के साथ विपक्ष को पूरा मौका दिया और यह चाहा कि उनकी चिंताएं चर्चा में आएं। कुछ सदस्यों ने नियमों को तोड़ा भी, उस पर भी आपने दरियादिली दिखाते हुए प्रयास किया कि कोई एक्शन न हो। विपक्ष का उद्देश्य चर्चा करना नहीं, बल्कि अपना पॉइंट स्कोर करना था। संसदीय कार्य मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कुछ भी डिलीट नहीं किया गया और सब कुछ रिपोर्ट में है। हमारे एक मंत्री ने स्पष्ट किया कि चेयरमैन को अधिकार है कि वह भी कुछ चीजें हटाने का निर्णय ले सकता है। यह तुष्टिकरण की राजनीति है। कुछ लोग देश को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, कुछ लोग भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। जो लोग देश को खंडित करने का काम कर रहे हैं, उनका समर्थन करने का काम कांग्रेस कर रही है।”

राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने जेपीसी की वक्फ संशोधन रिपोर्ट पर कहा, “जब भी कोई बड़ा बदलाव होता है, तब इस तरह की चीजें होती हैं। जब मैं नौवीं लोकसभा का सदस्य था, तब मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने का प्रयास किया गया था। इसके खिलाफ आंदोलन हुए और समय बदला। आज उससे अधिक आंदोलन हो रहा है कि हमें इसका लाभ मिलना चाहिए। वक्फ भी उसी दिशा में चल रहा है।”

News India Official

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Himanshu Sangliya
Himanshu SangliyaFreelance Journalist
Himanshu Sangliya, holding a degree in Journalism at the graduation level and a postgraduate degree in Economics, is characterized by a strong work ethic and a persistent eagerness to acquire new skills. Journalism holds a special place in his heart, and he envisions his future flourishing within this dynamic field.

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