रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह: राजनीति में उठते चर्चे, अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर कांग्रेस के साथ की ताकत परीक्षण

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Image Source: Zee News

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तारीख जैसे-जैसे नज़दीक आ रही है, वैसे-वैसे इस मुद्दे पर राजनीति भी जमकर हो रही है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भारतीय जनता पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मुद्दा बना रही है।

इसके अलावा 22 जनवरी को अयोध्या जाने के निमंत्रण को लेकर भी खूब राजनीति हो रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को विश्व हिंदू परिषद की तरफ से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण भेजा गया, लेकिन उन्होंने परोक्ष रूप से निमंत्रण अस्वीकार्य कर दिया है।

सपा मुखिया ने कहा, ”हम जिन्हें जानते नहीं हैं, उन्हें न तो निमंत्रण देते हैं और न ही उनसे कोई निमंत्रण स्वीकार करते हैं।”

पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की इस टिप्पणी पर कांग्रेस नेता और मुखर प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने टिप्पणी की है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ”राम नाम से इतना बैर ठीक नहीं है अखिलेश यादव जी। जाते या ना जाते निमंत्रण तो ना ठुकराते।“

गौरतलब है कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या लगातार हिंदू विरोधी टिप्पणी करते आ रहे हैं। उनकी टिप्पणियों से सनातन धर्म को मानने वाले लोग आहत हैं, लेकिन अब तक अखिलेश यादव की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने यह भी लिखा, ”समाजवादी पार्टी (सपा) और स्वामी प्रसाद मौर्य की कहानी विक्रम-बेताल की तरह है। स्वामी प्रसाद मौर्य का भूत सपा मुखिया अखिलेश यादव के ऊपर चढ़ के बैठ गया है। सच तो यह है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य से डरते हैं। वह जानते हैं कि मौर्य भाजपाई हैं और उनके बयानों से उनकी पार्टी (समाजावादी पार्टी) को हर दिन नुकसान हो रहा है और उसे खत्म किया जा रहा है।“

कांग्रेस नेता ने आगे लिखा, ”वह जानते हैं कि अगर स्वामी प्रसाद मौर्य इसी तरह बोलते रहे तो भाजपा को कोई नहीं रोक सकता। उत्तर प्रदेश में सत्ता में आना। फिर भी मैं उनकी मजबूरी को नहीं समझता। यह समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए घातक साबित होगा। अगर वास्तव में बीजेपी को चुनौती देनी है, अगर नरेंद्र मोदी को चुनौती देनी है 2024 के चुनाव में उन्हें राहुल गांधी के नेतृत्व में आना होगा।”

अखिलेश यादव ने अपने दिए गए बयान में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को अपना भगवान बताया है। वहीं सपा के दफ्तर के बाहर भगवान राम की होर्डिंग लग गई हैं। इसमें अयोध्या में बन रहे भव्या राम मंदिर की तस्वीर है और लिखा है आ रहे हैं हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम। इसे सपा युवजन सभा के पूर्व सचिव आशुतोष सिंह ने लगाया है। इसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीर भी लगी हुई है।

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने दिए गए बयान में मंगलवार को भाजपा पर राम मंदिर को लेकर निशाना साधा और भाजपा को आड़े हाथों लिया। सीएम ममता ने कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के जरिए ‘नौटंकी’ कर रही है।

ममता बनर्जी ने आगे अपने बयान में कहा, ”मैं उस उत्सव पर विश्वास रखती हूं जो सभी को साथ लेकर चले, सबके बारे में बात करे। आपको जो करना है करिए, आप चुनाव से पहले नौटंकी कर रहे हैं करिए, मुझे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों की अवहेलना करना सही नहीं है। मैं ईश्वर-अल्लाह की कसम खाकर कहती हूं कि जब तक मैं रहूंगी तब तक कभी हिंदू-मुसलमान में भेदभाव करने नहीं दूंगी।”

गौर करने वाली बात है कि कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, नीतीश कुमार सहित कई विपक्षी नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। बता दें कि इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी मुख्य यजमान होंगे।

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Utkarsh Tyagi
Utkarsh TyagiNews Writer
Utkarsh Tyagi is a dedicated student with a fervent passion for journalism. His commitment to the field is evident in his pursuit of knowledge and skills in the realm of media and communication. Utkarsh aspires to contribute meaningfully to the world of journalism, driven by a genuine interest in staying informed and sharing impactful stories. With a keen eye for detail and a thirst for knowledge, he is poised to make a mark in the ever-evolving landscape of journalism.

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