यू-डाइस कोड: भारतीय स्कूलों के लिए महत्वपूर्ण पहचान संख्या

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आने वाले 1 जुलाई 2024 से भारत में लगभग सभी स्कूल रिओपन हो रहे है जिसके चलते प्रशासन ने (U- dise code) को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, शिक्षा के क्षेत्र में यू-डाइस कोड यानी (UNIFIED DISTRICT INFORMATION SYSTEM FOR EDUCATION) यह एक महत्वपूर्ण प्रणाली है, जो भारतीय स्कूलों की पहचान और उनके डाटा के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कोड भारत के सभी स्कूलों को एक विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करता है, जो उन्हें एक राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने में सहायता करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, “प्रशासन द्वारा निर्देश में यह साफ कहा गया है कि स्कूल रिओपन होने से पहले सभी स्कूल अपने यू-डाइस कोड के लिए आवेदन कर दे जिससे उनके स्कूल को मान्यता प्राप्त हो सके अन्यथा बिना रजिस्टर्ड स्कूल के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी”।
यू-डाइस कोड क्या है?
यू-डाइस कोड, भारत के प्रत्येक स्कूल के लिए निर्धारित एक 11 अंकों का अनोखा कोड है। इस कोड का उद्देश्य शिक्षा संबंधी आंकड़ों को एकीकृत और सुव्यवस्थित तरीके से जोड़ना करना है। इसे राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (NIEPA) द्वारा प्रशासित किया जाता है। यह प्रणाली 2012 में शुरू की गई थी, ताकि शिक्षा संबंधी आंकड़ों को बेहतर तरीके से एकत्रित और विश्लेषण किया जा सके।
मान्यता और रजिस्टर्ड स्कूल-
यू-डाइस कोड को शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। सभी स्कूलों को यह कोड प्राप्त करना अनिवार्य है, ताकि वे शिक्षा प्रणाली में शामिल हो सकें और सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों का लाभ उठा सकें। अभी तक, भारत में लगभग 15 लाख स्कूल यू-डाइस कोड के लिए रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इनमें सरकारी, निजी, एडेड, और अन्य प्रकार के स्कूल शामिल हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि स्कूलों में यू-डाइस कोड के महत्व को समझते हुए उन्होंने तेजी से पंजीकरण कराया है।
यू-डाइस कोड का महत्व और लाभ-
यू-डाइस कोड के माध्यम से सभी स्कूलों का डेटा एक समान प्रारूप में संग्रहित होता है, जिससे नीति निर्माताओं को सही और अपडेटेड जानकारी मिलती है।
इससे शिक्षा मंत्रालय और राज्य सरकारें स्कूलों की वास्तविक स्थिति का आकलन कर, शैक्षिक योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी ढंग से संचालन कर सकती हैं।
यू-डाइस कोड के माध्यम से स्कूलों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
इससे शिक्षा की गुणवत्ता की निगरानी और स्कूलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करना आसान होता है।
अंत: यू-डाइस कोड न केवल स्कूलों की पहचान का एक साधन है, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और शिक्षा को सब तक पहुंचने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है।
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- News Writer
- Poonam Gupta, hailing from Kanpur, Uttar Pradesh, is currently pursuing her graduation in Journalism and Mass Communication from Rama University. With a deep passion for creative writing and article writing, Poonam is dedicated to crafting engaging and impactful content. Her academic background, combined with her enthusiasm for storytelling, positions her as a promising talent in the field of journalism and media. Poonam's commitment to excellence and creativity shines through in every piece she writes.
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