धरती से आसमान तक दिखी भारत की ताकत, कर्तव्य पथ पर मनाया गया 76वां गणतंत्र दिवस

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धरती से आसमान तक दिखी भारत की ताकत, कर्तव्य पथ पर मनाया गया 76वां गणतंत्र दिवस

Image Source: Republic Bharat

रविवार, 26 जनवरी, को भारत में गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया गया। कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फहराया। समारोह में इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। साथ ही इंडोनेशिया के सैनिक दस्ते ने भी मार्चिंग परेड में हिस्सा लिया। समारोह में भारतीय सैन्य ताकत और विकसित भारत की परिकल्पना प्रदर्शित की गई।

भारत में आज 76वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। समारोह की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फहराकर की। भारतीय वायुसेना की 129 हेलीकॉप्टर यूनिट के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने कर्तव्य पथ पर उपस्थित अतिथियों और दर्शकों पर पुष्प वर्षा की। सबसे पहले सैनिक दस्तों ने कर्तव्य पथ पर परेड मार्च से समारोह की शुरुआत की। थल, वायु और जल सेना की कई अलग-अलग रेजीमेंट्स ने कदम-से-कदम मिलाकर मार्च किया। साथ ही एनसीसी और एनएसएस के युवा कैडेट्स ने भी अपनी कदमताल से गणतंत्र दिवस की रौनक बढ़ाई।

परेड मार्च के बाद विभिन्न मंत्रालयों की झांकियों ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। सरकार ने मंत्रालयों की झांकियों के माध्यम से उनके द्वारा किए गए कार्यों, नीतियों और योजनाओं को प्रदर्शित किया। इसके बाद सेना के यांत्रिक विभाग के मार्चिंग दस्ते ने मार्च किया। सेना के टी-90 भीष्म टैंक, नाग मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और पिनाका मल्टी रॉकेट लॉन्चर, आकाश मिसाइल प्रणाली और आधुनिक सैन्य वाहनों का प्रदर्शन किया गया। लाइट स्पेशलिस्ट वाहन बजरंग, वाहन माउंटेड इन्फेंट्री मोर्टार सिस्टम एरावत और त्वरित प्रतिक्रिया वाहन नंदीघोष ने भी गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया।

अलग-अलग राज्यों की झांकियों ने भी सभी अतिथियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। परेड में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया।

  • दिल्ली: गुणवत्ता शिक्षा
  • उत्तर प्रदेश: महाकुंभ 2025 के दर्शन और स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास का संदेश।
  • गोवा और चंडीगढ़: राज्य की सांस्कृतिक विरासत।
  • आंध्र प्रदेश: पर्यावरण-अनुकूल लकड़ी के खिलौने।
  • पंजाब: ज्ञान और बुद्धि की भूमि।
  • पश्चिम बंगाल: लक्ष्मी भंडार और लोक प्रसार प्रकल्प।
  • बिहार: स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास [नालंदा विश्वविद्यालय]।
  • त्रिपुरा: 14 देवताओं की पूजा।
  • कर्नाटक: लककुंडी पत्थर शिल्प।
  • दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव: सांस्कृतिक परिदृश्य।
  • उत्तराखंड: सांस्कृतिक विरासत और साहसिक खेल।
  • हरियाणा: भागवत गीता का प्रदर्शन।
  • झारखंड: स्वर्णिम झारखंड, विरासत और प्रगति।
  • गुजरात: स्वर्णिम भारत, विरासत और विकास।
  • मध्य प्रदेश: चीते का संरक्षण।

झांकियों के बाद पाँच हजार कलाकारों ने लोक नृत्य का प्रदर्शन किया। उनकी तालमेल ने सभी को भावविभोर कर दिया। इसके बाद सैन्य डेयरडेविल्स ने अपने बाइक स्टंट्स से गणतंत्र दिवस में चार चांद लगा दिए। हर गणतंत्र दिवस पर आम जनता सबसे ज्यादा डेयरडेविल्स के स्टंट्स का इंतजार करती है।

अंत में भारत की ताकत का आकाश प्रदर्शन सबसे ज्यादा मनमोहक रहा। वायुसेना के लड़ाकू विमान मिग-29 ने फ्लाइपास्ट किया और ‘बाज फॉर्मेशन’ का प्रदर्शन किया। वायुसेना के 40 लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और ट्रांसपोर्ट विमानों ने शानदार फ्लाइपास्ट किया। अपाचे हेलीकॉप्टर, जगुआर और सुखोई-30 विमानों ने अपनी ताकत दिखाई। राफेल विमान ने 900 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भरी और वर्टिकल चार्ली करके विजय का प्रतीक दिखाया। हवाई प्रदर्शन के बाद समारोह का समापन हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुख्य अतिथि प्रबोवो सुबियांतो के साथ प्रस्थान किया। राष्ट्रपति के काफिले के जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य पथ पर आए सभी अतिथियों और आम जनता का अभिवादन और आभार जताया।

गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।

हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने का अधिकार देता है। संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी। इसके बाद पाँच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

News India Official

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Himanshu Sangliya
Himanshu SangliyaFreelance Journalist
Himanshu Sangliya, holding a degree in Journalism at the graduation level and a postgraduate degree in Economics, is characterized by a strong work ethic and a persistent eagerness to acquire new skills. Journalism holds a special place in his heart, and he envisions his future flourishing within this dynamic field.

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