तमिलनाडु में हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा राज्यपाल बनाम मुख्यमंत्री

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Image Source: The Quint Hindi

इन दिनों तमिलनाडु में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर राज्यपाल आर एनरवि को बरखास्त करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर पक्षपात के गंभीर आरोप भी लगाए हैं| सत्तारूढ़ डीएमके ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

शनिवार से शुरू हुआ राजनीतिक घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। कथित तौर पर शनिवार को सरकार की ओर से दिए गये अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने कुछ हिस्से नजर अंदाज कर दिए। जिसके बाद तमिलनाडु की विधान सभा में राज्यपाल के खिलाफ नारे बाजी शुरू हो गयी। कांग्रेस, वीसीके, सीपीआई, और सीपीआई (एम) ने भी राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया। राज्यपाल ने हंगामे के बीच सदन से वाक आउट कर दिया| इस मामले को लेकर अभी तक राजभवन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

विधान सभा के बहार डीएमके कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल का जगह-जगह पुतला फूंक कर किया विरोध। राज्यपाल की पद विस्थापन की मांग किया।

मामले की पृष्ठभूमि और राज्यपाल पर सरकार द्वारा राष्ट्रपति को प्रेषित पत्र में कथित तौर पर लगाए गये आरोप:

  • राज्यपाल डीएमके की द्रविड़ विचार धारा और उसके इतिहास का सम्मान नहीं करते।
  • राज्यपाल द्वारा सरकार में मंत्री सेंथिल बालाजी को कथित झूठे भ्रष्टाचार मामले में बर्खास्त करने का उत्तेजना पूर्ण निर्णय लिया| जिसे बाद में वापस लेना पड़ा।
  • राज्यपाल ने अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम(अन्ना द्रमुक) के खिलाफ अभियोग चलाने में जान बूझ कर देरी किया।
  • सरकार ने राज्यपाल पर केंद्र की सरकार की ओर झुकाव होने और समाज में नफरत को भड़काने का आरोप लगाया है।

नागालैंड से भी विवादों के बीच हुआ था राज्यपाल का हस्तांतरण:

  • 2019 में उन्हें नागालैंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। मगर यहां भी कई मुद्दों पर विवाद खड़ा हो गया था।
  • नियुक्ति के एक साल के भीतर एनएससीएन आईएम से विवाद हो गया था।
  • इसके बाद मामला बढ़ता देख उन्हें 2021 में तमिलनाडु ट्रांसफर कर दिया गया था।

-बृजेश अवस्थी

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Brijesh Awasthi
Brijesh AwasthiFreelance Journalist

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