जमानत याचिका खारिज होने पर मनीष सिसोदिया ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया

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Manish Sisodiya

Image Source: Ndtv.com

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी गई| फैसले से नाखुश सिसोदिया ने सर्वोच्च न्यायालय में फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर दी।

3 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) वाले मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री की जमानत याचिका को ख़ारिज करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश शर्मा ने कहा कि उत्पाद शुल्क नीति मामला एक अनोखा मामला है जहां यह आरोप लगाया गया है कि उप मुख्यमंत्री ने कुछ बाहरी लोगों के कहने पर एक नीति बनाई जो इसके लाभार्थी बनने वाले थे।

मामला है क्या:

17 नवम्बर 2021 को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री होने के नाते मनीष सिसोदिया ने कथित तौर पर गैर कानूनी तरीके से नई आबकारी नीति को लागू किया। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इसकी जांच में कई अनियमितताएं पाईं। लागू होने से पूर्व यह नीति दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के पास जांच के लिए गई थी। जांच में उन्होंने अनियमित  गतिविधियाँ पाईं। जिसकी रिपोर्ट दिल्ली के उप राज्यपाल विजय कुमार सक्सेना को भेजी गई थी।

उप राज्यपाल ने रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच के आदेश दे दिए| रिपोर्ट में एक शराब माफिया को 144 करोड़ रुपये का फायदा पहुँचाने का और शराब लाइसेंस बांटने में धांधली करने का जिक्र था।

कथित तौर पर मनीष सिसोदिया ने बिना दिल्ली सरकार की कैबिनेट और उप राज्यपाल की मंजूरी के नई आबकारी नीति लागू कर दी| जो की दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम 2010 और व्यापार नियम 1993 का सीधा उल्लंघन है। इसलिए ये नियम बुनियादी तौर पर गैर कानूनी माना गया। सिसोदिया पर आरोप लगाए गए की कुछ करीबी लोगों को फायदा पहुँचाने के लिए सिसोदिया ने इस नए एक्साइज नियम को स्वीकृति दी।

विवादित एक्साइज पालिसी का इतना विरोध हुआ की दिल्ली सरकार को 31 जुलाई 2022 को इसे वापिस लेना पड़ा।

इस मामले में 15 लोगों पर केस दर्ज किया गया। सीबीआई ने इस मामले में मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी भी की थी। साथ ही साथ पूर्व आबकारी आयुक्त  ए.गोपीकृष्ण और अन्य 3 लोक सेवकों के घरों पर भी तलाशी ली गयी थी।

27 फरवरी 2023 से मनीष सिसोदिया पहले सीबीआई और फिर प्रवर्तन निदेशालय की न्यायिक हिरासत में है। सिसोदिया कई बार सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। पर उन्हें कहीं से भी राहत की सांस नहीं मिली। आखिरी बार 3 जून 2023 को सिसोदिया को अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात करने के लिए 7 घंटे की जमानत मंजूर की गई थी। 3 जुलाई 2023 को सीबीआई और ईडी दोनों ही मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से राहत न मिलने पर सिसोदिया ने सर्वोच्च न्यायालय कि ओर रुख किया।

-बृजेश अवस्थी

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Brijesh Awasthi
Brijesh AwasthiFreelance Journalist

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