क्या 2024 का लोकसभा नहीं लड़ पाएंगे राहुल गांधी ?
गुजरात उच्च न्यायालय ने श्री गांधी के दोषसिद्धि पर रोक न लगाते हुए याचिका खारिज कर दी।
क्या है मामला– लोकसभा 2019 के कर्नाटक के एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने मोदी उपनाम के ऊपर एक टिपण्णी की, जिसमे उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी का नाम लेते हुए कहा की ये सारे चोरों के उपनाम मोदी क्यों है।
उसके बाद गुजरात के एक बीजेपी विधायक व पूर्व मंत्री रहे पूर्णेश मोदी ने गुजरात के निचली अदालत में श्री गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा कर दिया।
जिस पर सूरत की अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने मामले पर सुनवाई करते हुए श्री गांधी को दोषी करार दिया और सजा सुनाई की श्री गांधी ने एक समुदाय विशेष के ऊपर टिपण्णी की जो कही से न्यायसंगत नहीं है, इसलिए इन्हें भारतीय दंड सहिता की धारा (500 ) के तहत दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई गई है तथा इसके अलावे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(3) स्वतः ही सक्रिय हो जाता है जिसके तहत किसी भी अपराध के लिए कम से कम 2 साल के कारावास की सजा पाने वाला आदमी उसी दिन अयोग्य घोषित हो जाता है तथा जेल से निकलने के बाद भी 6 साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता।
इसके बाद राहुल गांधी को सूरत सेशल कोर्ट से 10 हजार के मुचलके पर जमानत मिल गई। अभी भी श्री गांधी जमानत पर है।
फिर इस फैसले के खिलाफ श्री गांधी ने गुजरात के उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की जिस पर बीते शुक्रवार को हाई कोर्ट ने निचली आदलत के फैसले को न्यायोचित बताते हुए याचिका खारिज कर दी। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक ने सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।
पार्टी का रुख– इस फैसले के बाद कॉंग्रेस ने कहा की अब हम सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और हमे पूरा विश्वास है की हमें न्याय मिलेगा।
अब ये देखना होगा की सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में क्या फैसला देता है? क्योंकि कॉंग्रेस के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव अति महत्वपूर्ण है और राहुल गांधी की अनुपस्थिति अगर होती है तो कॉंग्रेस के लिए मुश्किल हो सकता है।
-अजय राज द्विवेदी