कोलकाता रेप और हत्या मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दर्ज की
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Image credit: Crime Tak
कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। आज सीबीआई ने उच्च न्यायालय को अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपी। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में राज्य की तरफ से लापरवाही बरतने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को अपनी बात रखने का समय भी दिया। केंद्र की तरफ से पाँच वकीलों की टीम ने पैरवी की।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई–
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सभी प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को काम पर लौटने को कहा। CJI ने कहा, “हमने एक विशेषज्ञ समिति बनाई है। समिति में सभी लोग अनुभवी हैं और इस तरह के मामलों में पहले भी काम कर चुके हैं। समिति अपना काम कर रही है। डॉक्टरों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी हमारी है। हम आपकी सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। जनता को आपकी ज़रूरत है, इसलिए सभी डॉक्टर अपने काम पर लौट जाएं।” इसके अलावा उच्च न्यायालय ने डॉक्टरों की लंबे समय की शिफ्ट, उनके लिए रेस्ट रूम की व्यवस्था, और चेंजिंग रूम की व्यवस्था पर भी चिंता जताई।
न्यायालय ने सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर सफाई मांगी। सीबीआई चीफ ने कहा, “आरजी कर अस्पताल के क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई है। केस पर लीपा-पोती हुई है। प्रशासन अस्पताल पर उदासीन रहा है। पीड़िता का शव सुबह 5:30 के लगभग मिला था। पुलिस ने शव मिलने के कई घंटों बाद क्राइम सीन को सील किया, तब तक सबूतों का हनन हो चुका था। पुलिस ने जल्दबाजी में पहले शव का अंतिम संस्कार करवाया, फिर एफआईआर दर्ज की गई, और वह भी पीड़िता के पिता के कहने पर। पुलिस ने पहले इसका संज्ञान नहीं लिया। घटना की सूचना परिवार को देर से दी गई। परिवार को पहले सुसाइड की सूचना दी गई। सीबीआई को अभी तक अपनी जांच में गैंग रेप के सबूत नहीं मिले। फॉरेंसिक रिपोर्ट में संजय रॉय के क्राइम में शामिल होने की पुष्टि की गई है। सीबीआई का कहना है कि अस्पताल ने संवेदनशील तरीके से मामले को नहीं संभाला। प्रोटोकॉल पता होते हुए भी क्राइम सीन को सील नहीं किया गया। सीबीआई ने अभी अपनी आधिकारिक रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। सीबीआई का कहना है कि वे इस मामले के लिए स्वतंत्र फॉरेंसिक विशेषज्ञ की मदद लेंगे, उसके बाद अपनी आधिकारिक रिपोर्ट दर्ज करेंगे।”
रिपोर्ट पढ़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य पुलिस की जांच पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने वारदात की टाइमलाइन पर भी सवाल उठाए। घटना स्थल पर कई सबूत मौजूद थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें संरक्षित करने में देरी की। पुलिस के काम करने का तरीका सही नहीं था। पुलिस ने जो तरीके अपनाए, वे क्रिमिनल प्रोसीजर कोड से अलग थे। न्यायाधीश ने कहा, “मैंने अपने 30 साल के करियर में ऐसा नहीं देखा।”
बता दें कि 9 अगस्त को आर. जी. कर अस्पताल और कॉलेज में 31 वर्षीय रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ रेप किया गया था। रेप के बाद गला घोंट कर डॉक्टर की हत्या कर दी गई।
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- Freelance Journalist
- Himanshu Sangliya, holding a degree in Journalism at the graduation level and a postgraduate degree in Economics, is characterized by a strong work ethic and a persistent eagerness to acquire new skills. Journalism holds a special place in his heart, and he envisions his future flourishing within this dynamic field.
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