कैसे और कब होगी विपक्षी I.N.D.I.A. गठबंधन की सीट शेयरिंग
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के सामने बहुत सारी चुनौतियां खड़ी हैं, जिसमें से अभी सबसे बड़ी चुनौती है सीट बटवारा विपक्षी गठबंधन में वह कैसे संभव हो पाएगा। तो आईए जानते हैं की इंडिया गठबंधन को सीट बटवारा करने के लिए क्या करना होगा।
सबसे पहले बड़े दल जैसे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को बड़ा दिल दिखाना होगा वरना यह गठबंधन आगे नहीं बढ़ पाएगा। जैसे कि पंजाब और दिल्ली में दोनों पार्टियों को समन्वय बैठाना होगा। कुछ सीट छोड़नी होगी और कुछ सीटों पर पूरी ताकत के साथ लड़ना पड़ेगा। ऐसे ही बंगाल में ममता बनर्जी को कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों को महत्व देना पड़ेगा। समन्वय बैठाने के लिए जहां-जहां पर कांग्रेस पार्टी मजबूत है वहां कांग्रेस पार्टी को भी क्षेत्रीय दलों और अन्य राष्ट्रीय पार्टियों को अहमियत देनी होगी। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में जहां पर वह मजबूत है उन्हें कुछ सीट दूसरे दलों को देनी होगी। इंडिया गठबंधन के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती है।
बात करें अन्य चुनौतियों की तो अब लोकसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं है, लेकिन विपक्ष ना तो अभी साझा रैली कर रहा है और ना ही उन्होंने अपना उम्मीदवार लोगों के सामने रखा है। और यही सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। अब तक की बात करें तो विपक्ष को जल्दी ही एक साझा कार्यक्रम बनाना होगा और इसके लिए उन्हें सीट बंटवारा भी करना होगा।
विपक्ष के लिए सिर्फ इतनी ही चुनौती नहीं है, बात करें तो क्या विपक्ष इतने कम समय में अपना प्रचार कर लोगों के सामने अपने मुद्दे रख पाएगा या नहीं, और अगर रख पाएगा तो कितनी मजबूती के साथ रख पाएगा। क्या विपक्ष एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा कर पाएगा? प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे के रूप में विपक्ष के सामने कुछ चुनौतियां हैं, जिनका सामना विपक्ष को करना होगा अगर उन्हें 2024 का चुनाव मजबूती से लड़ना है।
सीट शेयरिंग के कुछ फॉर्मूले सामने आ रहे हैं, लेकिन अभी उनपर आधिकारिक तौर पर मोहर नहीं लगाई गई है।
गठबंधन में अपनी बात सामने रखने से पहले कांग्रेस पार्टी ने एक कमेटी बनाई थी, जो पार्टी की प्रदेश इकाइयों से बात कर सीट शेयरिंग पर उनकी राय लेगी और हाई कमान तक उनकी बात पहुंचने का काम करेगी। कमेटी अध्यक्षता मुकुल वासनिक कर रहे है। कुछ रिपोर्टर्स तो यह भी आ रही हैं कि कांग्रेस 290 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। क्या यह संभव है, क्या यह हो सकता है? और क्या यह सच में होने वाला है अभी इस बात पर कोई मोहर नहीं लगाई गई है। यह सिर्फ खबरें हैं जो की सूत्रों के अनुसार आ रही हैं, लेकिन देखने वाली बात यह है होगी कि जो फार्मूला कांग्रेस पार्टी तैयार करेगी क्या अन्य पार्टियों उस पर सहमत होगी या खींच-तान पार्टियों में बढ़ती रहेगी।
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