केरल के मुस्लिम संगठनों ने समान नागरिक संहिता के विरोध में की बैठक
मुस्लिम संगठन इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) के नेतृत्व में केरल के कई अहम अल्पसंख्यक संगठनों ने कोझिकोड में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफोर्म सिविल कोड जो की भारत के संविधान में अनुच्छेद 44, जो की राज्यों के नीति निदेशक सिद्धांत, में दिया गया है पर बैठक हुई। ये बैठक मुख्यता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परोक्ष रूप से समान नागरिक संहिता की वकालत करने के बाद ली गयी।
आइयूएमएल के प्रदेश अध्यक्ष सैयद अली शिहाब थंगल की अध्यक्षता वाली इस बैठक में केरल के कई महत्वपूर्ण मुस्लिम संगठनों ने हिस्सा लिया। मुख्य तौर पर केरल जमियातुल उलेमा,केरल नादाव्थुल मुजाहिद्दीन, जमात-ए-इस्लामी हिन्द और मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी जैसे संगठन शामिल रहे।
बैठक में सामान नागरिकता कानून के खिलाफ संविधानिक तौर तरीकों से विधिक और सियासी लड़ाई लड़ने की बात कही गयी। एएनआई के मुताबिक सैयद अली शिहाब थंगल ने कहा “ यूसीसी मुसलमानों का नहीं यह सभी लोगों का मुद्दा है। हम सब इसके खिलाफ सभी लोगों को एकजुट करेंगे और कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेंगे”।
नेता और विधायक पिके कुन्हालीकुट्टी ने भी यूसीसी का विरोध करते हुए कहा की सरकार यूसीसी का इस्तेमाल कर लोगों को मज़हबी तर्ज़ पर विभाजित करने का प्रयास कर रही है।
केरल में प्रदेश कांग्रेस ने भी बुधवार को बैठक करने का निर्णय लिया है और कयास लगे जा रहे है की संभवतः ये बैठक भी यूसीसी के विरोध में ही अपना रुख मोड़ेगी। इस बैठक में केरल प्रदेश के कांग्रेस के सभी विधायक, संसद, जिला अध्यक्ष व पदाधिकारी शामिल होंगे।
केरल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा संचालित गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट का मुस्लिम संगठन आईयूएमएल भी एक हिस्सा है।
अब देखने वाली बात यह होगी की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की हाई कमांड दिल्ली से इस पर क्या फैसला लेती है? हाल ही में हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीर भद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने यूसीसी के समर्थन में उसे भारत की एकता और अखंडता के लिए ज़रूरी बताया था।
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में समान नागरिक कानून को सशक्त समर्थन देते हुए कहा की देश दो कानूनों से नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा।
-बृजेश अवस्थी